आज के इस नकारात्मक कोरोना युग में हर व्यक्ति अपने मन की दुविधा को परे रखकर अपने तथा अपने प्रिय जनों के जीवन में और मन में सकारात्मकता लाने के प्रयास में जुटा है और इसके लिए social media का उपयोग खूब जोर शोर से किया जा रहा है। कई सकारात्मक संदेशों का आदान प्रदान हो रहा है और कई सकारात्मक उपक्रम चलाये जा रहे हैं।
ऐसे एक उपक्रम में लाॅकडाऊन के प्रथम चरण के 21 दिनों में कृतज्ञता से संबंधित 21 प्रश्न पोस्ट किये थे और वाचकों को अपने विचार comment में लिखने थे। मैने भी कुछ प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया था जो प्रश्न-उत्तर के रूप में आपके साथ share कर रही हूँ ।
प्र.: प्रकृति द्वारा प्रदत्त किस वस्तु के प्रति आप कृतज्ञ है?
उत्तर : सभी जीवनावश्यक वस्तुएं जैसे हवा, पानी, अन्न और प्रकाश जो प्रकृति ने हमें प्रदान की है।
प्र.: किस रंग के लिए आप कृतज्ञ है?
उत्तर : मै उस लाल रंग के प्रति कृतज्ञ हूँ जो हमारी नसों में बहता है और जीवन देता है।
प्र.: किस जगह के प्रति आप कृतज्ञ है?
उत्तर : मुझे मेरा घर बहुत पसंद है पर मै कृतज्ञ हूँ मेरे किचन के प्रति जहाँ मै कई सालों से खाना बनाती हूँ, गलतियाँ करती हूँ, चुपचाप उन्हें ऐसे सुधारती हूँ कि किसी को पता न चलें और कभी कभी सबसे छुपकर मीठा भी खाती हूँ ।
प्र.: किस आवाज के प्रति आप कृतज्ञ है?
उत्तर : मेरे बेटे की आवाज। उसके जन्म के समय उसकी आवाज ने मुझे जिम्मेदारी का एहसास दिलाया और अब उसकी आवाज मुझे दिलासा देती है।
प्र.: किस सुगंध के प्रति आप कृतज्ञ है?
उत्तर : मेरे आंगन में हरसिंगार का पेड़ है जो सावन में रात के समय फूलों से भर जाता है और फूलों की सुगंध पूरे वातावरण को सुगंधित कर देती है। हरसिंगार की इस मनमोहक सुगंध के प्रति मै कृतज्ञ हूँ ।
प्र.: अपने किस शिक्षण के प्रति आप कृतज्ञ है?
उत्तर : 8-9 वर्ष की आयु में ही मैंने अपनी माँ से कढ़ाई सीखी। एक टाँका भी यदि गलत होता है तो तुरंत उधेडकर ठीक करना है यह अनुशासन उसने सिखाया जो आगे हर काम में कायम रहा। अपने इस शिक्षण के प्रति मै कृतज्ञ हूँ ।
प्र.: कौन सी पुस्तक के प्रति आप कृतज्ञता व्यक्त करेंगे?
उत्तर : श्री. अमृतलाल नागर की 'अग्नीगर्भा' क्यों कि नायिका की सहनशीलता और कर्मठता मुझे प्रेरित करती है।
प्र.: कौन सी यादों के प्रति आप कृतज्ञ है?
उत्तर : मेरे स्कूल के सभी शिक्षकों ने यहाँ तक के प्रिन्सिपल सर ने भी मुझे बहुत स्नेह दिया। मेरे शालेय जीवन की यादों के प्रति मै कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ।
प्र.: किस स्वाद के प्रति आप कृतज्ञता व्यक्त करेंगे?
उत्तर : महाराष्ट्र में शादी से पहले केळवन होता है। जिसकी शादी होने वाली है उस लड़की को नजदीकी लोग खाना खिलाते हैं। बड़ा हि भावुक प्रसंग होता है। मुझे मेरे केळवन के समय मेरी काकू ने खिलाये हुए 'आमरस सेवई'इस मीठे व्यंजन के नमकीन स्वाद के प्रति मै कृतज्ञता व्यक्त करना चाहूंगी।
प्र.: किस खाद्य पदार्थ के प्रति आप कृतज्ञता व्यक्त करेंगे?
उत्तर : मै महाराष्ट्र केे विदर्भ की रहनेवाली हूँ और मेरी दादी विदर्भ के अत्यंत दुुुर्गम प्रदेश से होने के कारण वहाँ के विशिष्ट पदार्थ बहुत बढ़िया बनाती थी। अस्सी की उम्र में उन्होंने बनाये हरे मूँग के बडे और कुम्हडे के बोंडे का स्वाद मुझे अभी भी याद है जिसके प्रति मै कृतज्ञ हूँ क्यों कि वह स्वाद मुझे मेरी दादी के प्यार की गर्माहट को महसूस कराता है।
और भी कई सवाल थे जैसे किस मौसम के प्रति, किस पारिवारिक संस्कार के प्रति, अपने आप को दिये किस चुनौती के प्रति आप कृतज्ञता व्यक्त करेंगे? आदि।
सच जीवन में कितनी सारी ऐसी छोटी छोटी बातें हैं जिन की तरफ हमारा ध्यान नही जाता पर वे हमें कुछ न कुछ देतीं हैं। कभी आनंद, कभी प्रेरणा तो कभी शिक्षण। इन छोटी छोटी बातों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करके मुझे वास्तव में सकारात्मकता का अनुभव हुआ।
कभी कभी मन अकारण हि अवसादग्रस्त हो जाता है। ऐसे समय पर इन भूली हुई छोटी छोटी बातों को याद कर उनके प्रति कृतज्ञता के भाव मन ही मन व्यक्त करके देखें। मन का सारा अवसाद तथा नकारात्मकता दूर होकर मन उत्साह तथा सकारात्मकता से भर जायेगा।
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