पिछवाई चित्रकला

This file is licensed under the Creative Commons Attribution-Share Alike 2.5 Generic license. 400 वर्ष पूर्व उदयपुर से 50 km दूर राजसमन्द जिले में स्थित नाथद्धारा में वल्लभ संप्रदाय से संबंधित चित्रकला की शुरुआत हुई जिसे हम नाथद्वारा चित्रकला के तौर पर जानते हैं। नाथद्वारा चित्रकला का प्रमुख हिस्सा है पिछवाई चित्रकला। पिछवाई का अर्थ पिछवाई अर्थात पिछेवाली। ये चित्र श्रीनाथ जी के मंदिर में मूर्तियों के पिछे टंगे हुए होते हैं अतः आकार में बहुत बडे होते हैं। ये चित्र आमतौर पर कपड़े पर बनायें जाते हैं और इनमें श्रीनाथ जी यानि श्रीकृष्ण का चित्रण होता है। पिछवाई चित्र मंदिर की भव्यता तो बढ़ते हि हैं साथ ही दर्शकों को श्रीनाथ जी के जीवन और चरित्र से परिचित कराते हैं। पिछवाईयों में श्रीकृष्ण की माखनचोरी, रासलीला, गोवर्धन प्रसंग, चीरलीला आदि प्रसंगों को नयनाभिराम रंगों में चित्रित किया जाता है। पिछवाई का एक लोकप्रिय विषय है, '...