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मुगल लघुचित्र शैली

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                                       This file is licensed under the  Creative Commons  Attribution-Share Alike  4.0 International ,  3.0 Unported ,  2.5 Generic ,  2.0 Generic  and  1.0 Generic  license. लघु चित्रकारी की उत्पत्ति आठवीं शताब्दी में भारत के पूर्वी भाग में पाल शासकों के कार्यकाल के दौरान हुई।  समय के साथ साथ लघुचित्रों की कई शैलियाँ विकसित हुई जिन्हें हम लघुचित्रों के विद्यालय (school) कहते हैं। जैसे पाल शैली, जैन शैली, मुगल शैली, राजस्थानी शैली, ओडिशा शैली और पहाड़ी शैली।  ये शैलियाँ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों से उत्पन्न हुई हैं। लघुचित्रों की ये सारी शैलियाँ एक दूसरे से प्रभावित होते हुए भी अपनी अपनी अलग विशेषताओं को संजोये हुए हैं।  इन सभी कालखंडों में मुगल शासकों के कार्यकाल को लघु चित्रकारी के लिये स्वर्णिम काल माना जाता है क्योंकि इस दौरान लघु चित...