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नांगेली, एक विस्मृत नायिका

आठ मार्च का दिन विश्व के लगभग सभी देश महिला दिवस के रूप में मनाते है। कुछ देश जैसे बुल्गारिया और रोमानिया में यह दिन मातृदिवस के रूप में मनाया जाता है। आंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजकिय  क्षेत्रों में प्राप्त  उपलब्धियों का सम्मान करना है ताकि अन्य महिलाएं उनसे प्रेरणा लेकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकें तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।  आज महिलाओं की सामाजिक स्थिति को देखते हुए हम यह अवश्य हि कह सकते है कि आंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य सफल हुआ है क्योंकि ऐसी असंख्य महिलाएँ हैं जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है। इन असंख्य यशोगाथाओं के साथ साथ कुछ ऐसी विस्मृत कहानियाँ भी हैं जिनकी नायिकाएँ अपने जीवन में यशस्वी भले ही ना हो पाई लेकिन उनका जीवन संघर्ष किसी यशस्वी नायिका के संघर्ष से कम नही था। उनके द्वारा उठाये गये एक साहसिक कदम ने महिला उत्थान के कठिनतम आंदोलन को बल प्रदान किया। ऐसी ही एक विस्मृत नायिका है नांगेली। बात है उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ के दिनों की जब केरल के अधिकांश हिस्सों में त्र...