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यु.ए.ई. प्रवास

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                                               अपने बेटे और पति को बाय कहते हुए मैंने मुंबई एयरपोर्ट के भीतर प्रवेश किया और दिल की धड़कन तेज़ हुई। अपने परिवार के साथ सुरक्षितता से ढेर सारा भ्रमण कर लेने के बाद आज मै वीणा वर्ल्ड के लेडिज स्पेशल टूर पर अकेले निकली थी। चेक इन के पास हमारे टूर मॅनेजर अक्षय वैद्य मिले। डिनर की व्यवस्था एयरपोर्ट पर हि थी जहाँ भावना मिली। वो भी अकेली थी। साथ डिनर कीया। दिल की धड़कन अब काबू में थी। फ़्लाईट में आशा एन सी साथ बैठी थी। आबूधाबी एयरपोर्ट पर बस के साथ हमारे टूर गाईड अक्षय पवार मिले। बस में सब की सीटस् अलाॅटेड थी। मेरे साथ रश्मि थी। अगले छः-सात दिन बस में रश्मि और रूम में आशा मेरी साथीदार थी। वे दोनों भी मुझ जैसे हि अकेली आई थी। शाम की introduction party में पता चला कि चालीस के ग्रुप में उन्नीस महिलाएं अकेले ही आई थी और रहा सहा डर उडणछू हो गया। रैम्प वाॅक के विनर्स में एक पच्चीस वर्ष के आसपास, एक पैतीस के आसपास तो एक सत्तर के आसपास म...