महाराजा सयाजीराव गायकवाड़, एक कूटनीतिज्ञ
ब्रिटिश शासनकाल में सभी छोटे बड़े राजा महाराजा अंग्रेजों के अधीन थे। सारे अधिकार अंग्रेजी शासकों के हाथों में थे। राजाओं को निश्चित धनराशि और कुछ निजी सुविधाएँ मिलती थी और वे संतुष्ट होकर ऐशो-आराम से जीवन बिताते थे। मगर एक ऐसे भी राजा थे जिन्होंने देश में ब्रिटिश शासन के दौरान हर क्षेत्र में शानदार काम किया। वह व्यक्ति बड़ौदा संस्थान के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ हैं। सयाजीराव की एक गरीब किसान के बेटे से एक राजा तक की यात्रा बहुत प्रेरणादायक है। उन्होंने शिक्षा, नागरिक सुविधाएँ, संस्कृति, खेल, बैंकिंग जैसे कई क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान दिया। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए भी पर्दे के पीछे से कड़ी मेहनत की। सयाजीराव गायकवाड़ का जन्म 11 मार्च, 1863 को महाराष्ट्र के एक गरीब किसान के घर में हुआ था। उनके बचपन का नाम गोपाल था और उनके पिता का नाम काशीराव गायकवाड़ था। गोपाल का परिवार बड़ौदा राजवंश से संबंधित था। बड़ौदा की महारानी जमनाबाई ने अपने पति महाराज खंडेराव गायकवाड़ की मृत्यु के बाद गोपाल को सिंहासन के लिए अपनाया। राज्याभिषेक समारोह 27 मई 1875 को ...